गहरे पानी पैठ
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जब जब-
आती है
तेरी स्वांसों को –
स्पर्श करती ,
तेरे सन्दर्भों की- खुशबू ,
आती है
प्रकाश की एक काया
अपने आलोक में
मुझे भरने ,
कुछ कहती
कुछ बतियाती ,
पिछले जन्मों को
अगले जन्म से मिलाती,
कहती……
इस धरा पर
ऐसे ही गुजारा है
हमनें
अनर्कों वार ,
अपना यह जीवन
अपना यौवन ,
अपना बचपन I
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