गहरे पानी पैठ
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रोजमर्रा की बातें हैं
अब….
एटीएम का टूटना
लाखों का लुट जाना
सरेराह
अपहरण बलात्कार
धमकाना , गुजर जाना
एफआईआर से पहले
नेता का फोन
माथा पकड़ कर
थानेदार का अफ़सोस
प्रतिक्रिया शून्य समाज
शांत है कि
है तो –
साँस लेने कि स्वतंत्रता
और क्या चाहिए
नेता कहते हैं –
करोड़ों की लूट
कोई लूट है
बिलो स्टेटस सिम्बल
करोड़ों करोड़ हों
तो प्रश्न उठे
सुबह स्टेटमेंट
शाम को मुकर जाना
बेहयाई इतनी –
कि हर हद से गुजर जाना
वोट के लिए –
पैरों पर बिछ जाना
जीतनें पर –
पांच वर्ष तक लतियाना
बेटा चाहता था
प्रधानी में खड़े होजाएं
हमनें छोड़ दिया
उससे बतियाना l
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