Menu
blogid : 19172 postid : 1257562

जब तक बदला नहीं लेलिया जाता ……

गहरे पानी पैठ
गहरे पानी पैठ
  • 124 Posts
  • 267 Comments

मैं स्तब्ध हूँ
आक्रोशित भी,
ह्रदय व्यथित है
किन्तु कुछ कह सकने में
फ़िलहाल असमर्थ i
मैं नवाज होता
कुछ भी बक जाता
मन कहता है –
झंडा झुका दिए जाएं
इससे बड़ा राष्ट्रीय शोक –
और क्या होगा |
हम कुछ करें ,न करें
अंत्येष्टि श्रद्धांजलि तो-
दायित्व है
ह्रदय हूकता है
सुना है
रोने से गम हल्का हो जाता है
सो –
आंशू न बहाये जांय
देखा जाये
कैसा लगता है
गम को ढोना
और शायद
तब ही समझ पाएंगे हम
गम की पीड़ा
तब ही याद रहेगा हमें
कि –
हमें बदला लेना है
कल ही लिखा था मैंने……
”हम रुकते हैं –
संयम बन कर,
चलते हर अवरोध तोड़कर,
प्यार निभाते –
हृदय बिछाकर,
बदला लेते राह रोककर |
औसत कोई चीज न हममें
जो कुछ हैं –
हम सिर्फ शिखर हैं,
शीतल हैं तो चाँद सरीखे
तपते हैं-
तो सूर्य प्रखर हैं”
क्या करूँ
प्रतिज्ञा करता हूँ
न प्रेस किये कपडे पहनूंगा
न तकिया लगाऊँगा
जब तक
बदला नहीं ले लिया जाता |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh