गहरे पानी पैठ
- 124 Posts
- 267 Comments
जब सूरज अमृत लाता है
अमर हुआ जो पी पाता है,
हर प्राणी संतृप्त हो गया
तो सूरज भी जी जाता है I
***************************
एक किरण काफी होती है
एक भाग्य चमकाने को ,
कुछ उत्तल दर्पण बैठे हैं
सारी किरणें पी जानें को I
***************************
माधव देता ,ऊधव लेता
ऐसी कोई बात नहीं ,
आँख आँख को किरण मिल गई
तो समझो अवतार सही I
****************************
सूरज क्या जानें क्या छाया
छाया तो प्राणी की माया ,
उत्तल समतल,समतल उत्तल
क्यों हैं? समय समझ न पाया I
*******************************
जब स्वासों में ही रमना है
संग हवाओं के चलना है ,
तो फिर सुखद प्राण बन जाओ
उठो देव ! कुछ तो हर्षाओ !!
****************************
Read Comments